Published in the Sunday Navbharat Times on 16 March, 2025
जब आप बोट में बैठकर इस शहर और इसके लोगों को देखते हैं, तो आप साइकिलों को देखे बिना नहीं रह सकते। इस शहर में 8,80,000 से ज़्यादा साइकिलें हैं, जो इसकी आबादी से भी ज़्यादा है
रग-बिरंगे ट्यूलिप्स को देखकर मेरा जोश तुरंत बढ़ गया! लंबी फ़्लाइट्स अक्सर थका देने वाली होती हैं और कई घंटों के सफर के बाद अचानक वाइब्रेंट ट्यूलिप्स से भरी एक दुकान सामने आ जाना रंगों के नखलिस्तान के मिल जाने जैसा था। अभी पिछले हफ़्ते मैं बर्लिन में थी और आईटीबी में वीणा वर्ल्ड को रीप्रेज़ेंट कर रही थी। ये एक ऐसा ट्रॅवल शो था, जो उन विदेशी यात्रियों के लिए था, जो भारत घूमना चाहते हैं। वापस आते समय, मुझे एम्स्टर्डम के शिफोल इंटरनॅशनल एयरपोर्ट पर साढ़े तीन घंटे के लिए रुकना पड़ा और ये मुझे ज़रा सा भी नहीं अखरा।
उस वक्त तुरंत मेरा ध्यान एक दुकान पर गया, वो ट्यूलिप की दुकान थी। उस स्टोर के एक हिस्से में ताज़े फूल रखे हुए थे, जबकि दूसरे हिस्से में ‘सदाबहार‘ यानी कृत्रीम ट्यूलिप रखे हुए थे। मैंने प्राकृतिक और मानव निर्मित, दोनों तरह की सुंदरता का आनंद लिया और एयरपोर्ट से होते हुए परफ्यूम और चॉकलेट बेचने वाले ड्यूटी-फ्री स्टोर, हाई-एंड डिज़ाइनर बुटीक और आखिर में एक ऐसी दुकान पर पहुंची, जिसने मुझे वाकई मोहित कर लिया, और वो दुकान थी एक म्यूज़ियम स्टोर।
म्यूज़ियम स्टोर के अंदर डेल्फ़्ट ब्लू पॉटरी के कलेक्शन की ओर मेरा ध्यान गया। ये एक आइकॉनिक डच सिरॅमिक कला है, जो अपने नाजुक नीले और स़फेद पॅटर्न के लिए जानी जाती है और इस पर 17 वीं शताब्दी से नीदरलैंड में काम हो रहा है। मुझे सबसे ज़्यादा आकर्षक छोटे सिरॅमिक कॅनाल हाउस लगे, जो एम्स्टर्डम के पुराने घरों की एक तरह से नकल होते हैं। एम्स्टर्डम के मशहूर कॅनाल हाउस इस शहर की सबसे खास खूबियों में से एक हैं, जो अपने ऊँचे और सँकरे अग्रभाग, बड़ी खिड़कियों और नुकीली छतों से तुरंत पहचाने जा सकते हैं। ये ऐतिहासिक घर एम्स्टर्डम के व्यापारिक इतिहास, यहाँ की इनोवेटिव अर्बन प्लानिंग और अद्वितीय निर्माण चुनौतियों के प्रत्यक्ष प्रतिबिंब हैं।
एम्स्टर्डम के कॅनाल हाउसेस के बारे में आप जो सबसे पहली चीज़ देखेंगे, वो ये होगी कि ये हाउस बेहद सँकरे होते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यहां कभी एक पुराना टॅक्स कानून हुआ करता था, जिसमें प्रॉपर्टी टॅक्स घर के अग्रभाग की चौड़ाई पर आधारित हुआ करता था। घर का अग्रभाग जितना चौड़ा होगा, आपको उतना ही ज़्यादा टॅक्स चुकाना होगा। ऐसे में पैसे बचाने के लिए यहां के लोगों ने ऊंचे और गहरे घर बनाए, जिनके सामने का हिस्सा सँकरा हुआ करता था और ऐसे निर्माण से अधिकतम जगह का उपयोग किया जा सकता था। यहाँ मौजूद अनेक कॅनाल हाउस थोड़े आगे की ओर झुके हुए दिखाई देते हैं। ऐसी डिज़ाइन सोच-समझकर बनाई गई थी! चूँकि घर संकरे होते थे और उनमें खड़ी सीढ़ियाँ होती थीं, इसलिए फर्निचर और सामान को अंदर ले जाना मुश्किल होता था। इस समस्या से निपटने के लिए हर घर में सबसे ऊपर एक पुली सिस्टम लगाया गया था, जिससे लोग खिड़कियों के ज़रिए फर्निचर और दूसरे सामानों को ऊपर उठा सकते थे। घर को थोड़ा आगे की ओर झुकाने से भारी चीज़ों को उठाते समय उनके अग्रभाग से टकराने का खतरा कम होता था। एम्स्टर्डम के घरों के शीर्ष भाग ऑर्नेट गॅबल्स से सजाए गए हैं और इनमें से हर एक की अपनी अलग डिज़ाइन है। ये गॅबल्स केवल सजावटी नहीं होते थे, बल्कि वे अक्सर घर के मालिक की जायदाद की ओर इशारा भी करते थे। इसके कुछ सामान्य प्रकारों के अंतर्गत कुछ स्टाइलें इस प्रकार थीं : स्टेप गॅबल्स (सीढ़ी जैसी आकृति) - ये सबसे पुरानी स्टाइलों में से एक है, जो गॉथिक आर्किटेक्चर से प्रेरित है, नेक गॅबल्स - ये 18 वीं शताब्दी में लोकप्रिय एक ज़्यादा सुंदर और मँजी हुई डिजाइन है, बेल गॅबल्स - ये घंटी के आकार की स्टाइल है, जो अक्सर अमीर घरों में पाई जाती है और स्पाउट गॅबल्स - जिसे सरल और ज़्यादा कारगर और कुशल जल निकासी के लिए डिज़ाइन किया गया था।
मुझे म्यूज़ियम शॉप से एक छोटा सा सिरॅमिक हाउस खरीदना था। इसे लेने के बाद मैंने इसके पॅकेट को अपने बॅग में बड़े करीने से रखा और मैं एम्स्टर्डम की अपनी पिछली यात्राओं के बारे में सोचने लगी। इस एक शहर में देखने के लिए बहुत कुछ था और लंदन के यूरोस्टार ट्रेन कनेक्शन की मदद से यहाँ ट्रॅवल करना पहले से कहीं ज़्यादा आसान हो गया है!
एम्स्टर्डम शहर को सबसे खास पहचान देने वाली चीज़ यहाँ की नहरें हैं, जो इस शहर का दिल हैं। इसका सबसे अच्छा अनुभव कॅनाल क्रूज़ पर लिया जा सकता है, जहाँ आप खूबसूरत पुलों, ऐतिहासिक घरों और तैरते हुए आकर्षक हाउसबोटों को ताऱीफ भरी नज़रों से देख सकते हैं। एम्स्टर्डम में 100 किलोमीटर से ज़्यादा लंबाई की नहरें हैं, जिससे इसे ‘उत्तर का वेनिस‘ भी कहा जाता है। इतिहास प्रेमियों के लिए ॲन फ्रँक हाउस में रुके बिना उनका कोई भी सफर पूरा नहीं होता है। इस छोटी और साधारण सी इमारत के सामने खड़े होकर यह कल्पना करना मुश्किल होता है कि ये उस छोटी लड़की की छिपने की जगह थी, जिसकी डायरी द्वितीय विश्व युद्ध के सबसे शक्तिशाली खातों में से एक बन गई थी। एम्स्टर्डम दुनिया के कुछ सबसे मशहूर आर्ट म्यूज़ियमों का भी घर है। रायक्सम्यूजियम में आप रेम्ब्रांट की ‘द नाइट वॉच‘ को निहार सकते हैं, जबकि वॅन गॉग म्यूज़ियम में आपको ‘स्टारी नाइट‘ के पीछे मौजूद ट्रबल्ड जीनियस के जीवन और उसके कामों का बखूबी परिचय मिलता है।
जब आप बोट में बैठकर इस शहर और इसके लोगों को देखते हैं, तो आप साइकिलों को देखे बिना नहीं रह सकते। इस शहर में 8,80,000 से ज़्यादा साइकिलें हैं, जो इसकी आबादी से भी ज़्यादा है। वैसे तो एम्स्टर्डम अपने आप में बेहद आकर्षक है, फिर भी नीदरलैंड का असली एसेंस इसके विचित्र गांवों में मौजूद है। लेकिन अक्सर हम लोगों को नीदरलैंड का ज़िक्र करते समय हॉलैंड कहते हुए सुनते हैं। अगर आप सोच रहे हैं कि इसका आधिकारिक नाम क्या है, तो यह ‘नीदरलैंड‘ है, जिसका अंग्रेजी में अनुवाद ‘लो लैंड‘ या निचली भूमि होता है। यह नाम देश के भूगोल का पूरी तरह से वर्णन करता है, क्योंकि इसकी ज़्यादातर ज़मीन समुद्र तल से नीचे है। हॉलैंड वास्तव में स़िर्फ दो प्रांतों को बताता है: उत्तरी हॉलैंड और दक्षिणी हॉलैंड। ये दो क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से डच स्वर्ण युग (17 वीं शताब्दी) के दौरान सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली थे, जब नीदरलैंड एक प्रमुख नौसैनिक और व्यापारिक शक्ति था। चूँकि तीन सबसे प्रसिद्ध शहर एम्स्टर्डम, रॉटरडॅम और द हेग इन प्रांतों में स्थित हैं, इसलिए ‘हॉलैंड‘ नाम पूरे देश का पर्याय बन गया, भले ही यहाँ कुल 12 प्रांत हैं।
नीदरलैंड के गांवों की बात करें तो मेरा पसंदीदा गाँव वोलेंडॅम है, जो एक खूबसूरत ़िफशिंग विलेज है। ये गाँव अपने लकड़ी के रंगीन घरों, आकर्षक बंदरगाह और पारंपरिक डच संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहाँ आप पारंपरिक डच पोशाक ट्राय कर सकते हैं और साथ ही लकड़ी के जूते, जिन्हें क्लॉग कहा जाता है, भी पहनने का आनंद ले सकते हैं तथा आप यहाँ एक टाइमलेस फोटोग्राफ भी ले सकते हैं।
क्लॉग की बात करें तो नीदरलैंड की यात्रा क्लॉग और चीज़ फॅक्ट्री में रुके बिना अधूरी है। डच लोग अपने चीज़ को बहुत गंभीरता से लेते हैं और साथ ही आप यहाँ के स्थानीय खेतों से सीधे लाए गए ताज़ा गुदा या एडम का स्वाद लेना ना भूलें। स्मोक्ड चीज़ मुझे बेहद पसंद है और ये एयरपोर्ट की दुकानों पर भी उपलब्ध था! क्लॉग बनाने की प्रक्रिया भी उतनी ही आकर्षक है। जब आप यहाँ कारीगरों को इन लकड़ी के जूतों को हाथ से तराशते और रंगते हुए देखते हैं तो आपको लगता है कि आप समय में काफी पीछे चले गए हैं।
जैसे ही मेरा प्लेन एम्स्टर्डम से टेक-ऑफ हुआ, मुझे लैंडस्केप्स में ढेर सारी पवन चक्कियाँ दिखाई दीं। नीदरलैंड की पवन चक्कियाँ स़िर्फ पोस्टकार्ड- पऱफेक्ट लैंडमार्क ही नहीं, बल्कि उनसे कहीं ज़्यादा हैं; वे कभी डच उद्योग की रीढ़ हुआ करती थीं, जिनका इस्तेमाल पानी पंप करने, अनाज पीसने और यहाँ तक कि पेंट बनाने के लिए भी किया जाता था। उन्हें देखने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है झांस शॉन्स, जो एक ऐसा ओपन-एयर म्यूज़ियम है, जहां आप अच्छी तरह से संरक्षित पवन चक्कियों के बीच घूमते हुए उनके ऐतिहासिक महत्व के बारे में जान सकते हैं।
लेकिन अगर कोई ऐसी चीज़ है, जो नीदरलैंड की ग्लोरी को अच्छी तरह से बयाँ करती है, तो वो है ट्यूलिप्स। हर वसंत में ट्यूलिप के सीज़न की शुरुआत के साथ ही देश लाल, गुलाबी, पीले और बैंगनी रंग के एक दिलकश कॅनवस में बदल जाता है। फूलों की इस मजमे को देखने के लिए सबसे अच्छी जगह है क्युकेनहॉफ गार्डन, जिसे अक्सर ‘द गार्डन ऑफ यूरोप‘ भी कहा जाता है। 32 हेक्टर में फैले क्युकेनहॉफ में सात मिलियन से ज़्यादा ट्यूलिप हैं, जो इसे दुनिया के सबसे शानदार फ़्लॉवर गार्डन्स में से एक बनाता है।
जब भी मैं नीदरलैंड के बारे में सोचती हूँ तो मेरे दिमाग में यकायक कुछ मुहावरे गूंज जाते हैं, जैसे ‘गोइंग डच‘ का अर्थ है बिल को साझा करना, जहाँ हर व्यक्ति अपने हिस्से का भुगतान खुद करता है। इसकी शुरुआत 17 वीं शताब्दी में इंग्लैंड में डच के साथ प्रतिद्वंद्विता के दौरान हुई थी, जब अंग्रेजों ने ‘डच‘ मुहावरे का इस्तेमाल करके उन्हें मितव्ययी के रूप में स्टीरियोटाइप किया था। हालाँकि डच कल्चर में खर्च को बाँटना निष्पक्षता और स्वतंत्रता के बारे में है, न कि कंजूसी के बारे में। उस ज़माने के कुछ और मुहावरों में शामिल हैं: ‘डबल डच‘ - जिसका मतलब है नॉनसेंस या जिबरिश, यानी डच भाषा को समझना कठिन था, और ‘डच करेज‘, जो शराब पीने से मिली बहादुरी की ओर इशारा करता है। ये शायद युद्ध से पहले शराब पीने वाले सैनिकों से प्रेरित है। हालाँकि ये मुहावरे मूल रूप से नकारात्मक हैं, फिर भी ये आज भी आम हैं।
जब मैंने इस खूबसूरत देश में बिताए अपने समय को याद किया, तो मैं यह महसूस किए बिना नहीं रह सकी कि ट्यूलिप की तरह ही नीदरलैंड भी यहां आने वाले लोगों के दिलों में रंग और खुशी भर देता है। तो क्यों ना इस साल ‘नीदरलैंड‘ घूमने जाएं?
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