Published in the Sunday Navbharat Times on 28 July, 2024
मुझे हाल ही में फ्रेंच नॅशनल डे मनाने के लिए मुंबई में फ्रेंच काउंसिल जनरल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने का मौका मिला। वो एक खूबसूरत शाम थी, जब हमें ताज महल होटल के शानदार क्रिस्टल रूम में बुलाया गया, जो ओलंपिक की जानी-पहचानी पाँच रिंग्स से सुसज्जित था। इस साल फ्रेंच नॅशनल डे की पार्टी ओलंपिक थीम से प्रेरीत थी। परसों से यानि 26 जुलाई से 11 अगस्त तक पॅरिस में होने वाले ओलंपिक खेल स़िर्फ एक वैश्विक खेल आयोजन ही नहीं, बल्कि उससे कहीं बढ़कर हैं। वे उन शहरों में बदलाव के लिए एक शक्तिशाली उत्प्रेरक हैं, जो इनकी मेज़बानी करते हैं। जब ऐसे शहरों की टूर करने की बात आती है तो इसके लिए सबकी राय अलग-अलग हो जाती है: कुछ लोग ओलंपिक्स को लाइव एक्सपीरियंस करने के लिए वहाँ की टूर करते हैं, जबकि बाकी लोग ऐसे शहरों में जाने से पूरी तरह से बचना पसंद करते हैं और अपने घरों में आराम से खेलों को देखना पसंद करते हैं। आप किस कॅटेगरी में आते हैं? अगर आप मुझसे पूछेंगे तो मेरी राय यह होगी कि ऐसे शहरों में ओलंपिक खत्म होने के बाद वहाँ टूर करना बहुत अच्छा होगा। बार्सेलोना से लेकर बीजिंग तक, ओलंपिक्स ने उनके लँडस्केप्स, उनकी अर्थव्यवस्थाओं और उनकी पहचान पर एक अमिट छाप छोड़ी है। इन शहरों में जैसे-जैसे खेल पर्यटन बढ़ता गया, इन्हें बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और बढ़ते इंटरनॅशनल अटेंशन का फायदा भी मिलता गया। पॅरिस 2024 ओलंपिक्स के नज़दीक आते ही मुझे याद आने लगा कि मैंने कितने ओलंपिक मेज़बान शहरों की टूर्स की हैं। कुछ शहर तो ऐसे हैं, जहाँ कई बार जाने का आनंद मैंने लिया है।
ओलंपिक्स पर की जाने वाली कोई भी बातचीत ग्रीस या एथेंस का नाम लिए बिना अधूरी होती है और ये जगहें दुनिया की मेरी पसंदीदा जगहों में से एक है। ओलंपिक खेलों की उत्पत्ति प्राचीन ग्रीस में हुई थी, जहाँ इनकी शुरुआत 776 ईसा पूर्व में ओलंपिया में हुई थी। यह शुरुआती खेल ग्रीक देवता ज़ीउस के सम्मान में आयोजित किए गए थे और इनमें ग्रीक शहर-राज्यों के प्रतिनिधियों के बीच कई तरह की एथलेटिक प्रतियोगिताएँ शामिल थीं। प्राचीन ओलंपिक्स में न केवल शारीरिक कौशल का प्रदर्शन होता था, बल्कि ये कई बार एक दूसरे से लड़ने वाले राज्यों के बीच एकता और शांति को बढ़ावा देने का ज़रिया भी बन जाते थे। आज भी दुनिया में शांति, एकता और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में खेलों की भूमिका बहुत ज़्यादा है।
ओलंपिक के इतिहास में 1896 में पहले आधुनिक ओलंपिक खेलों के स्थल के रूप में एथेंस की एक खास जगह है। प्राचीन परंपरा से प्रेरित होकर, फ्रांसीसी शिक्षक पिएर द कुबेखतां ने इंटरनॅशनल ओलंपिक कमिटी (आयओसी) की स्थापना की थी और इस वैश्विक खेल आयोजन को पुनर्जीवित करने के लिए एथेंस खेलों का आयोजन किया था। 1896 के ओलंपिक्स की सफलता ने खेलों की निरंतरता और विकास के लिए एक बेहतरीन मंच तैयार किया और एक खास ग्रीक परंपरा, खेल, और संस्कृति विश्वव्यापी उत्सव में बदल गई। जब मैं दो साल पहले एथेंस की टूर पर गई थी, तो अपने सिटी टूर के एक हिस्से के रूप में मुझे छठी शताब्दी के ऐतिहासिक पॅनाथेनिक स्टेडियम को देखने का भी मौका मिला। जब मैं इस पूरी तरह से संगमरमर से बने मल्टीपर्पज़ स्टेडियम में जाकर खड़ी हुई तो मैं यह सोचकर बेहद रोमांचित हुई कि यही वह जगह है, जहाँ सन् 1896 में पहले आधुनिक ओलंपिक का उद्घाटन हुआ था और यहीं पर उनका समापन समारोह भी आयोजित हुआ था। यह वही स्टेडियम है, जहाँ मेजबान देश को ओलंपिक मशाल सौंपने का समारोह होता है। मैं तो आपसे यही कहूंगी कि अगली बार जब भी आप ग्रीस जाएँ तो एथेंस में पर्याप्त समय बिताएँ और वहाँ अन्य जगहों के साथ पॅनाथेनिक स्टेडियम जाना ना भूलें।
किसी भी शहर के लिए ओलंपिक खेलों की मेज़बानी करना एक बहुत बड़ा काम होता है और इसके लिए उस शहर को अक्सर कई बड़े और महत्वपूर्ण बदलावों की प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है। खेल आयोजन की तैयारियों के दौरान नए खेल स्थलों का निर्माण करने से लेकर वहाँ के ट्रासपोर्टेशन सिस्टम को अपग्रेड करने तक, उस शहर का एक तरह से पूरा कायाकल्प ही हो जाता है। ओलंपिक्स से किसी शहर का कैसे कायाकल्प हो सकता है, इस विषय में सबसे पहले और सबसे ज़्यादा बार्सेलोना का ही ज़िक्र किया जाता है। सन 1992 से पहले दुनिया में इस शहर को बहुत कम लोग जानते थे।
पर ओलंपिक्स के आयोजन से इस शहर में क्रियान्वित हुई व्यापक शहरी नवीनीकरण परियोजनाओं ने बार्सेलोना को एक प्रमुख पर्यटन स्थल में बदल दिया, जिसमें वॉटरफ्रंट का विकास, नई खेल सुविधाएँ और ट्रॉसपोर्टेशन में सुधार शामिल हैं। वहाँ के ओलंपिक विलेज को अब रेसिडेंशियल हाउसिंग का रूप दे दिया गया है और पलाउ सांत जेोर्दी जैसे वैन्यूज़ में अभी भी बड़े-बड़े इवेंट्स होते रहते हैं। वीणा वर्ल्ड के स्पेन टूर्स में आप बार्सेलोना की नई और पुरानी वास्तुकला के दर्शन कर सकते हैं और अँतोनी गाउदी की अधूरी कृति से लेकर युनेस्को की विश्व धरोहर सागरादा फामिलिया और ओलंपिक स्टेडियम तक को देख सकते हैं।
चीन में ओलंपिक्स के लिए तैयार किए गया मॉडर्न आर्किटेक्चर चर्चा का विषय बन गया था। बीजिंग में 2008 के ओलंपिक्स में पूरी दुनिया ने चीन के तेज़ विकास और आधुनिकीकरण की झाँकी देखी। बर्ड्स नेस्ट स्टेडियम और वॉटर क्यूब जैसे आइकॉनिक स्ट्रक्चर वास्तुकला के बेहतरीन नमूने और पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र बन गए। इस शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी-भरकम निवेश किया गया, जिसका ़फायदा वहाँ के निवासियों और वहाँ आने वाले पर्यटकोफ्ल को आज भी मिल रहा है।
दुनिया में कुछ शहर ऐसे हैं, जो हमें हमेशा ही आकर्षित करते रहते हैं, चाहे हम वहाँ कितनी ही बार क्यों न चले जाएँ। ऐसा ही एक शहर है यु.के. की राजधानी लंडन! लंडन में 2012 में हुए ओलंपिक्स से इस शहर को क्वीन एलिजाबेथ ओलंपिक पार्क के रूप में एक स्थायी विरासत मिली है। लंडन में किसी ज़माने में औद्योगिक इलाकों का बोलबाला था, पर ओलंपिक्स ने इसे खेल स्थलों, पार्कों और आवासों के साथ एक वाइब्रेंट पब्लिक स्पेस में बदल दिया है। खेलों ने इस शहर के पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन को भी क़ाफी बेहतर बना दिया है, जिसमें ओवरग्राउंड नेटवर्क का विस्तार शामिल है। जिस किसी ने भी लंडन के अंडरग्राउंड सिस्टम से ट्रॅवल किया है, वह इस बात की पुष्टि कर सकता है कि यह दुनिया में सबसे बेहतरीन सिस्टमों में से एक है। अलग-अलग ट्रॅवल पासेस के साथ यह शहर के आकर्षणों को देखने का एक सचमुच सबसे अच्छा तरीका है। इससे भी बढ़कर है पिकाडिली ट्रेन लाइन, जो सेंट्रल लंडन को एयरपोर्ट से जोड़ती हैं, जिससे यहाँ की यात्रा सचमुच बेहद आरामदायक हो जाती है।
अगर आप दक्षिण अमेरिका के किसी ऐसे देश की टूर करना चाहते हैं, जहाँ ओलंपिक खेल आयोजित हो चुके हैं, तो इस मामले में ब्राज़ील से बेहतर और कोई जगह नहीं है! 2016 के ओलंपिक्स के दौरान रियो दे जेनेरो में क़ाफी बदलाव हुए हैं। पोर्टो मारविल्हा के नाम से मशहूर पोर्ट एरिया के पुनरुद्धार और नए खेल स्थलों के निर्माण ने इस शहर को पहले से कई ज़्यादा आकर्षक बना दिया है। दक्षिण अमेरिका की हमारी टूर पर रियो सबसे खास शहरों में से एक होता है और यहाँ आप फिर से विकसित किए गए माराकाना स्टेडियम को देख सकते हैं, जो खेल प्रशंसकों और पर्यटकों को आज भी बहुत आकर्षित करता है। साथ ही शुगरल़ोफ माउंटेन और आर्ट डेको स्टॅच्यु ऑफ क्राइस्ट द रीडीमर जैसी पसंदीदा जगहें भी हैं, जो दुनिया के नए अजूबों में से एक है। और यह तो तय है कि रियो की कोई भी टूर इसके मशहूर बीचेस पर जाए बिना पूरी नहीं होती है।
पॅरिस 2024 ओलंपिक्स की मेज़बानी करने की तैयारी कर रहा है और यह शहर सस्टेनेबिलिटी और इंक्लुसिविटी पर फोकस कर रहा है। खेलों में पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए यहाँ अनेक मौजूदा स्थानों का उपयोग किया जाएगा और नए निर्माण इस तरह से किए जाएँगे, जिससे इनका उपयोग लंबे समय तक किया जा सके। इसका सेंटरपीस होगा स्टाड द फ्रांस, जिसमें एफिल टॉवर और शाँ द मार्स जैसे प्रतिष्ठित स्थानों पर अतिरिक्त कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यहाँ इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी परियोजनाओं में पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन का विस्तार, पॅरिस मेट्रो में सुधार और नए साइकिल और पैदल रास्तों का निर्माण शामिल है, जिनका मज़ा हम इस शहर की अपनी आगामी टूर्स पर ले सकते हैं।
ओलंपिक इंफ्रास्ट्रक्चर अक्सर किसी शहर के टूरिज़्ाम लँडस्केप का अभिन्न हिस्सा बन जाता है। ओलंपिक खेलों में शहरों को बदलने की शक्ति होती है, जो अपने समापन समारोह के बाद यहाँ अपनी अनेक विरासतें छोड़ देते हैं। चूँकि पॅरिस 2024 ओलंपिक्स आने वाले हैं और दुनियाभर में इनका बेसब्री से इंतज़ार हो रहा है, इसलिए अगर हो सके तो मुझे बताएँ कि आप अब तक कितने ओलंपिक शहरों को देख चुके हैं और आपकी विश लिस्ट में ऐसे कितने शहरों के नाम शामिल है?
सुनिला पाटील, वीणा पाटील और नील पाटील इनके हर हफ्ते प्रकाशित होनेवाले लेख वीणा वर्ल्ड की वेबसाईट www.veenaworld.com पर पढ़ने के लिए उपलब्ध हैं।
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