IndiaIndia
WorldWorld
Foreign Nationals/NRIs travelling to

India+91 915 200 4511

World+91 887 997 2221

Business hours

10am - 6pm

अकेले अकेले कहाँ जा रहे हो...

12 mins. read

Published in the Sunday Navbharat Times on 05 January 2025

दुनिया अजनबियों का स्वागत करने के लिए बेहद उत्सुक है और यादगार अनुभवों से भरी हुई है। यह दुनिया हमें गले लगाने का इंतज़ार कर रही है।

जब मैं हमारी सोसायटी के वॉट्सएप ग्रुप पर साल खत्म होने को लेकर आने वाले मेसेजों की बाढ़ को स्क्रॉल करके देख रही थी, मैंने खुद को वही करते पाया जो मैं अक्सर करती हूँ, यानी मैं फॉरवर्ड किए गए मेसेजों को सरसरी नज़र से देख रही थी। लेकिन इस बार एक पोस्ट ने अपनी अोर मेरा ध्यान खींचा। ये पोस्ट ग्रुप में शेयर की गई एक इंस्टाग्राम पोस्ट थी, जो खास तौर पर महिलाओं के लिए थी।

पिछले कुछ दिनों से ट्रॅवलिंग के बारे में बड़ी चर्चाएँ हो रही थी और इस पोस्ट में वो सबकुछ था, जिन पर हम बातें कर रहे थे। इससे पहले कि आप अंदाज़ा लगाएँ, चलिए मैं ही बता देती हूँ - ये पोस्ट सोलो ट्रॅवलिंग, यानी अकेले स़फर करने के बारे में थी और इसे किसी और ने नहीं, बल्कि आज के दौर की बेहतरीन अदाकाराओं में से एक शेफाली शाह ने लिखा था।

उन्होंने ़फॅमिली ट्रिप की प्लॅनिंग करते समय सामने आने वाली मुश्‍किलों के बारे में एक दिल को छू देने वाली स्टोरी शेयर की। इसमें तारीखों का तालमेल बिठाना, जाना कहाँ है, यह तय करना और सभी को शामिल करने के लिए लगातार जूंझना, इन सबकी बात की गई थी। अपनी लाख कोशिशों के बावजूद वे अक्सर खुद को एक ऐसे चौराहे पर पाती हैं, जब उन्हें पूरे परिवार को साथ लेकर ट्रॅवल करना नामुमकिन सा लगता है। सब कुछ कँसल होने की संभावना को देखते हुए वे इस नैतिक दुविधा में नज़र आती हैं कि क्या वह अकेली ही निकल जाए या फिर इस मौके को हाथ से जाने दे?

शेफाली ने अकेले ही ट्रॅवल करने का फैसला किया, जो उनके लिए काबिल-ए-ताऱीफ भी था और इससे उनके रीडर्स भी खुश हुए। उन्होंने अपने दिल की बात बताते हुए एक अपराधबोध के साथ उस खुशी के बारे में भी बताया, जिसका उन्होंने अनुभव किया। मैंने तो उनकी हिम्मत की दाद दी, और मुझे यकीन है कि इसे पढ़ने वाला हर व्यक्ति इससे बेहद प्रभावित हुआ होगा।

इस पोस्ट से हमारे ग्रुप में अकेले ट्रॅवल करने के फायदों और मुश्‍किलों के बारे में एक जीवंत चर्चा छिड़ गई। इससे मैं यह सोचने पर मजबूर हो गई कि नए साल की शुरुआत इस विषय पर चर्चा करने से बेहतर और क्या हो सकती है?

सोलो ट्रॅवल की बातें

अकेले ट्रॅवल करने की आइडिया आते ही अक्सर मिलीजुली ़फीलिंग्स आती हैं। कुछ लोगों को यह बड़ा ही रोमांचक लगता है, क्योंकि इसमें उन्हें अपनी शर्तों पर दुनिया को एक्सप्लोर करने का मौका नज़र आता है। कुछ लोगों को ये डरावना भी लग सकता है, क्योंकि अकेले स़फर करने में सेफ़्टी, लॉजिस्टिक्स और अकेलेपन की चिंताएँ शामिल होती हैं। लेकिन हकीकत तो यह है कि अकेले स़फर पर निकलने से आपको अपने जीवन के सबसे समृद्ध, सशक्त और परिवर्तनकारी अनुभव मिल सकते हैं।

मुझे कई बार अकेले स़फर करने का सौभाग्य मिला है, जो अक्सर वर्क ट्रिप्स के एक्सटेंशन के रूप में होता था। हालाँकि इन यात्राओं का मक्सद तो प्ऱोफेशनल ही होता है, लेकिन फिर भी मैं यह कहूँगी कि वे कुछ एक्स्ट्रा दिन मेरे जीवन के सबसे आकर्षक और समृद्ध अनुभवों में से एक बन गए हैं।

जब मैं अकेले स़फर करती हूँ तो मुझे उस जगह के माहौल में डूब जाना बड़ा अच्छा लगता है, चाहे वह ट्रेन या मेट्रो में चढ़ना हो या ड्राइवर के साथ कार रेंट पर लेकर जाना हो। मेरी कुछ सबसे दिलचस्प बातचीत दुनिया के अलग-अलग हिस्सों के ड्राइवरों के साथ हुई है। वे अपने देश की संस्कृति और रोज़मर्रा की ज़िंदगी की ऐसी अनूठी और प्रामाणिक झलकियाँ दिखाते हैं, जो हमें किसी भी गाइडबुक में नहीं मिल सकती हैं।

मेरी सबसे अनोखी सोलो प्सि में से एक थी ट्यूनीशिया की पि। वहाँ बातों-बातों में मेरा ड्राइवर ही मेरा गाइड भी बन गया, जिसने चहल-पहल भरे बाज़ार में मुझे वहाँ छुपे ख़्ाज़ानों से रूबरू करवाया। मुझे याद है कि वह मुझे एक संकरी सीढ़ी से ऊपर एक छत पर बने क़ैफे में ले गया, जहाँ से ट्यूनिस शहर के खूबसूरत नज़ारे दिखाई दे रहे थे। वो एक ऐसी जगह थी, जिसे मैं अपने दम पर कभी नहीं खोज पाती। उसने मुझे स्थानीय व्यंजनों से भी रूबरू करवाया, जैसे बाज़ार की दुकानों पर मिलने वाले कॅक्टस फ्रूट। और तो और, वो मेरा अनऑ़िफशियल ़फोटोग्ऱाफर बना और उसने तस्वीरों के लिए पऱफेक्ट बॅकड्रॉप्स भी तलाशे, जैसे कि वो इंट्रिकेट डोअर्स, जिनके लिए ट्यूनीशिया मशहूर है।

मैं हाल ही में जॉर्जिया गई थी, जहाँ मेरा ड्राइवर बमुश्‍किल अंग्रेज़ी ही बोल पा रहा था। फिर भी उसमें जो गर्मजोशी और उत्साह था, उसने भाषा की खाई को पाट दिया था। उसने मुझे स्थानीय रूप से बनाई जाने वाली खाचापुरी से परिचित कराया, जो एक स्वादिष्ट जॉर्जियन स्पेशॅलिटी है। हमने ये लजीज़ पकवान साथ मिलकर खाया। उस सौहार्दपूर्ण पल को शब्दों में बयाँ करना मुश्‍किल है।

स्विट्ज़रलैंड में सोलो ट्रॅवल करने का एक अलग ही मज़ा है। मैंने वहाँ के बेहतरीन ट्रेन सिस्टम पर भरोसा किया और ऐसे ही एक स़फर में मैंने खुद को ल्यूसर्न की एक शांत झील की ओर चलते हुए पाया। यह एक विशुद्ध आनंददायक अनुभव था, जिसमें स़िर्फ मैं और पानी की कोमल लहरें तथा उस पल की असीम शांति थी। उस पल में मुझे सुरक्षा और एकांत की गहरी भावना का अनुभव हुआ और साथ ही यह सुकून देने वाला एहसास भी मिला कि जब भी मैं फिर से इस पल को जीना चाहूँ, वो माहौल यादों की झील में बस एक पत्थर फेंकने की दूरी पर है।

इनमें से हर स़फर इस बात की पुष्टि करता है कि मुझे अकेले यात्रा करना क्यों पसंद है। अपनी खुद की रफ़्तार से एक्सप्लोर करने की आज़ादी, अप्रत्याशित खोजें और रास्ते में मैंने जो सार्थक संबंध बनाए हैं, उन्होंने मेरे दिल पर एक अमिट छाप छोड़ी है। सोलो ट्रॅवल ने मुझे यह बताया है कि दुनिया अजनबियों का स्वागत करने के लिए बेहद उत्सुक है और यादगार अनुभवों से भरी हुई है। यह दुनिया हमें गले लगाने का इंतज़ार कर रही है।

सोलो ट्रॅवल का आनंद लीजिए

अकेले स़फर करना एक अनूठा अनुभव है, जो हमारी आज़ादी, स्वयं की खोज और उपलब्धियों को एक बेजोड़ भाव देता है। जब आप अकेले स़फर करते हैं, तो आप अपने स़फर की हर चीज़ खुद तय करते हैं। आपको कहाँ जाना है, क्या देखना है या किस जगह पर कितना समय बिताना है, इन सब पर आपको समझौता करने की कोई ज़रूरत नहीं होती है। चाहे आप किसी आरामदायक क़ॅफे में देर तक रुकना पसंद करें, शांत पहाड़ियों पर ट्रेकिंग करना चाहें या फिर किसी म्यूज़ियम के भीतर आर्ट के समंदर में गोते लगाना चाहें, अकेले स़फर करने से आप अपनी मनचाही रफ़्तार से आगे बढ़ सकते हैं और अपना स़फर अपनी दिलचस्पियों के हिसाब से तय कर सकते हैं।

अकेले स़फर करने में आपको अपनी आज़ादी तो मिलती ही है, पर इसके अलावा यह आपके लिए अपने भीतर का भी एक स़फर होता है। यह आपको चुनौतियों का सामना करने, अपने क़ंफर्ट ज़ोन से बाहर निकलने और अनजान हालातों के हिसाब से खुद को ढालने के लिए प्रेरित करता है। केवल इतना ही नहीं, इससे आप लचीलेपन और स्वतंत्रता से रहने के गुण भी सीख सकते हैं। यह रोज़मर्रा की ज़िंदगी के शोर और झंझटों से दूर, खुद से जुड़ने का एक दुर्लभ अवसर भी होता है। अकेले स़फर करने से अक्सर स्थानीय लोगों और साथी यात्रियों के साथ आपका गहरा जुड़ाव भी हो जाता है, जिससे आपको ऐसे प्रामाणिक अनुभव मिलते हैं, जो आप अपने साथियों के साथ स़फर करते समय मिस कर सकते हैं। स्थानीय उत्सव में शामिल होने से लेकर अजनबियों के साथ बातें करने तक, इनसे आपको एक नए तरह का रोमांच भी मिल सकता है और आप खूबसूरत यादों को जीवनभर के लिए मन में सँजो सकते हैं।

अकेले स़फर करना वैसे तो बड़ा ही ़फायदेमंद होता है, लेकिन इस दौरान अपनी सुरक्षा का खयाल रखना भी ज़रूरी है। अपने परिजनों या दोस्तों के साथ लगातार संपर्क में रहें और उन्हें अपने यात्रा कार्यक्रम से अवगत करवाते रहें। आपको अपनी इंस्टिंक्ट्स पर भरोसा करना चाहिए और रात में सुनसान इलाकों में जाने से बचना चाहिए। ट्रॅवल इंश्‍योरेंस ऐसी ही एक और ज़रूरी चीज़ है, जिससे आप अप्रत्याशित घटनाओं से खुद को सुरक्षित कर सकते हैं और स़फर के दौरान मन की शांति सुनिश्‍चित कर सकते हैं।

सोलो ट्रॅवल में सही डेस्टिनेशन चुनना भी बेहद ज़रूरी होता है। अगर आप वेलनेस और रिजुवेनेशन चाहते हैं, तो भारत में ऋषिकेश आपके लिए बिलकुल सही रहेगा, क्योंकि वहाँ आपको शांत योगा रिट्रीट और बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार उपलब्ध होंगे। अगर आप शांति चाहते हैं तो आप इंडोनेशिया के बाली को भी चुन सकते हैं, जहाँ आपको मिलेंगे हरे-भरे नज़ारे और वर्ल्ड-क्लास स्पा। प्रकृति प्रेमियों को केरल के मुन्नार की धुंध भरी पहाड़ियों या ग्रीस के सँटोरिनी की खूबसूरत स़फेद सड़कों पर सुकून भरे यादगार पल मिल सकते हैं। रोमांच और सौहार्द की चाह रखने वालों के लिए लद्दाख के ऊबड़-खाबड़ इलाके और न्यूज़ीलैंड की ॲडवेंचर एक्टिविटीज़ से बेहतर कुछ नहीं, क्योंकि वहाँ नए दोस्त बनाने और अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाने के भरपूर रोमांचक मौके हैं।

सोलो ट्रॅवल का मतलब ये भी नहीं है कि आप स़फर में पूरी तरह से अकेले ही हों। वीणा वर्ल्ड में हम आपके स़फर को आसान बनाने में मदद कर सकते हैं। हम सभी व्यवस्थाओं का ध्यान रखते हैं और यह सुनिश्‍चित करते हैं कि आप प्लॅनिंग की झंझट में पड़े बिना अपने डेस्टिनेशन का सबसे अच्छा अनुभव ले सकें। हमारे टूर पर एक ग्रुप के साथ स़फर करने से आपको एक सेफ़्टी नेट मिलती है, साथ ही आपको अपने जैसे लोगों के साथ सोशल होने और उनसे अपने अनुभव साझा करने का मौका भी मिलता है।

आखिर अकेले स़फर का मतलब स़िर्फ नई जगहों पर जाना नहीं होता है, बल्कि खुद के नए पहलुओं को जानना भी होता है। चाहे आप स्विट्जरलैंड में झील के किनारे की असीम शांति का आनंद ले रहे हों, ट्यूनीशिया में चहल-पहल भरे बाज़ार का मज़ा ले रहे हों या जॉर्जिया में खाचापुरी की प्लेट शेयर कर रहे हों, आपका हर पल आपकी पर्सनल ग्रोथ और ग्लोबल कनेक्शन की दिशा में एक नायाब कदम बन जाता है।

तो, इस साल आप अपने सोलो ॲडवेंचर पर कहाँ जा रहे हैं? क्या वो शांत हिमालय होगा, बाली के धूप में नहाए बीच होंगे, या फिर न्यूज़ीलैंड के खूबसूरत नज़ारे होंगे? दुनिया आपको कुछ नया दिखाने के इंतज़ार में है - एक ऐसा स़फर जो आप ही के ज़रिए और आप ही के लिए होगा। तो इस यादगार स़फर पर निकलने का इससे बेहतर समय और क्या हो सकता है?

January 03, 2025

Author

Sunila Patil
Sunila Patil

Sunila Patil, the founder and Chief Product Officer at Veena World, holds a master's degree in physiotherapy. She proudly served as India's first and only Aussie Specialist Ambassador, bringing her extensive expertise to the realm of travel. With a remarkable journey, she has explored all seven continents, including Antarctica, spanning over 80 countries. Here's sharing the best moments from her extensive travels. Through her insightful writing, she gives readers a fascinating look into her experiences.

More Blogs by Sunila Patil

Post your Comment

Please let us know your thoughts on this story by leaving a comment.

Looking for something?

Embark on an incredible journey with Veena World as we discover and share our extraordinary experiences.

Balloon
Arrow
Arrow

Request Call Back

Tell us a little about yourself and we will get back to you

+91

Our Offices

Coming Soon

Located across the country, ready to assist in planning & booking your perfect vacation.

Locate nearest Veena World

Listen to our Travel Stories

Veena World tour reviews

What are you waiting for? Chalo Bag Bharo Nikal Pado!

Scroll to Top