Published in the Saturday Navbharat Times on 24 February, 2024
...शाहरुख और काजोल की छवि आज भी हमारी यादों में बसी है, जो इन रमणीय स्थलों की सैर करने के लिए अनगिनत यात्रियों को प्रेरित करती है...
ट्रेन में चढ़ने के लिए जैसे ही मैं दरवाजे के पास पहुँची, दरवाजा अचानक ही मेरे सामने बंद हो गया, और एक झटके से ट्रेन चल पड़ी! मैं और ऋतु, हम दोनों ही प्लॅटफॉर्म पर खड़े होकर ट्रेन को दूर अपनी नज़रों से ओझल होते हुए देखते रहे मानो वो हमें अलविदा कर रही हो. हमारी ट्रेन छूट गई! पर ऋतु ने शांति से कहा,कोई बात नहीं, अगले एक घंटे में हम दूसरी ट्रेन पकड़ लेंगे.’
मैं एक ट्रैवल कॉन्फरेंस के लिए स्विट्ज़रलैंड गई थी,और आयोजन के बाद स्विट्ज़रलैंड टूरिज़म के लिए काम करनेवाली ऋतु और मैंने स्विट्ज़रलैंड में नई जगहों पर घूमने का फैसला किया जहाँ हम अपने वीणा वर्ल्ड के पर्यटकों को ले जा सकें. स्विट्ज़रलैंड में कदम रखते ही आप इस देश को अपना दिल दे बैठते हैं और फिर बार-बार यहाँ आने को मन करता है.
हम में से अधिकांश लोगों की तरह ही मैंने भी बर्फ से ढंकी पर्वतों की चोटियाँ फिल्मों में ही देखी थीं खासकर यश चोपड़ाजी की सदाबहार फिल्मों में. स्विट्ज़रलैंड के प्रति उनका आकर्षण प्रत्यक्ष झलकता था, क्योंकि यह देश उनकी फिल्मों में केंद्रीय भूमिका निभाया करता था. हर फिल्म एक दर्शनीय कृति बन जाती थी. चाहे बर्फ से ढ़ंकी पर्वतश्रेणियों के बीच रोमांटिक गीतों का सीक्वेंस हो या फिर पूरी फिल्म ही स्विटज़रलैंड की पृष्ठभूमि पर बनी हो, यश चोपड़ाजीने इस देश की सुंदरता को पूरे वैभव के साथ प्रदर्शित किया.
स्विट्ज़रलैंड के सानेन में ब्रिज पर नाचते शाहरुख और काजोल की छवि आज भी हमारी यादों में बसी है, जो इन रमणीय स्थलों की सैर करने के लिए अनगिनत यात्रियों को प्रेरित करती है. आप भले ही फिल्मों के दीवाने न हों, फिर भी इन चित्रमय खूबसूरत दृश्यों के मोह में पड़े बिना आप नहीं रह सकते. बचपन में दोस्तों के साथ देखी एक फिल्म मुझे आज भी स्पष्ट रूप से याद आ रही है. शायद कहानी मैं थोड़ी भूल भी जाऊँ लेकिन स्विट्ज़रलैंड की रोमहर्षक छटा हमारे युवा मनों पर स्पष्ट अंकित है. मुझे एक मित्र की बात याद है जिसने कहा था कि ये अभिनेता थोड़ी देर अलग हट जाएँ तो वह स्विट्ज़रलैंड की सुंदरता को जी भरकर निहार सके!
आखिरकार जब मैंने स्विट्ज़रलैंड में कदम रखा तब मैं ठंडे मौसम को स्वीकार करने के लिए पूरे मन से तैयार थी और मैंने तय किया था कि मैं ज्यूरिख की गलियों में आईसक्रीम हाथ में लेकर घूमूंगी! ये कहने की ज़रूरत ही नहीं है कि आईसक्रीम खाने के बाद, मैं लोकप्रिय स्विस चॉकलेट्स के लिए दुकानों में गई. प्रसिद्ध स्विस चॉकलेट्स का स्वाद लेने के बाद तो मेरा सफ़र और भी मधुर हो गया. वीणा वर्ल्ड के साथ स्विट्ज़रलैंड की यात्रा करने की एक बढ़िया बात ये भी है कि आप चॉकलेट फैक्ट्री भी घूम सकते हैं और सचमुच में चॉकलेट बनते हुए देख सकते हैं. यहाँ चॉकलेट्स की अनेक किस्में आपको चकित कर देंगी! चॉकलेट फैक्ट्री घूमते समय मैंने सीखा कि इसमें स्विस गायों की सबसे बड़ी भूमिका है! लाजवाब हवा, चौतरफा हरियाली गायों को चरने के लिए एक आदर्श वातावरण देती है और इन सबका परिणाम ये होता है कि ज़ायकेदार दूध से बनती है मलाईदार और सबसे शानदार चॉकलेट जो आज स्विटज़रलैंड की पहचान बन गई है! स्व-घोषित चॉकलेट दीवानी के रूप में, मैं कहना चाहती हूँ कि मेसाँ कायेर’ का दौरा किए बिना स्विट्ज़रलैंड की कोई भी यात्रा पूरी नहीं होती. गाइडेड टूर हमें बीन से बार’ तक चॉकलेट बनाने की कला की मोहक झलक देखने का मौका देता है. बेशक सबसे महत्वपूर्ण था टेस्टिंग रूम, जहाँ मैंने कई तरह की स्विस चॉकलेट्स का स्वाद चखा और दोस्तों तथा संबंधियों के लिए सीधे फैक्ट्री से खूब सारी खरीदारी की. जब भी मैं यात्रा करती हूँ तब मैं खूब सारे सोवीनियर्स और उपहार खरीदती हूँ जो स्थानीय तौर पर बनाए जाते हैं और चॉकलेट्स का उपहार ले जाना तो सबसे बढ़िया होता है, जो सचमुच स्विस-निर्मित होते हैं!
स्विट्ज़रलैंड सभी वीणा वर्ल्ड के यूरोप टूर्स में खास स्थान रखता है, और इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है कि हमारे पर्यटक उसकी खूबसूरती से मोहित हो जाते हैं. उनमें से कई लोग तो केवल स्विट्ज़रलैंड या फिर ऑस्ट्रिया या फ्रांस जैसे पड़ोसी देशों के साथ यहाँ घूमने आते हैं. इस तरह से वे हर स्थान की मोहकता का पूरा आनंद लेते हुए उसमें डूब जाते हैं और स्विट्ज़रलैंड में मिलनेवाले अनोखे अनुभवों को जी भरकर जीते हैं.
चारों तरफ जमीन से घिरे स्विट्ज़रलैंड की व्यंजन और भाषाई विविधता उसके पड़ोसी देशों से उसकी निकटता दिखलाती है. टिचिनो क्षेत्र में आपको इटालियन स्वाद चखने को मिलेगा, जब कि नॉशॅटेल के पास का पश्चिमी इलाका फ्रेंच व्यंजन का ज़ायका परोसता है. शेष स्विट्ज़रलैंड में स्विस जर्मन बोलनेवाली जनता प्रमुख रूप से है जो देश भर में पाई जानेवाली संस्कृतियों के समृद्ध बहुरंगी तानेबाने को अधिक सुंदरता प्रदान करती है.
पहली बार आनेवालों के लिए, ल्यूसर्न और इंटरलाकेन जैसे शहर सर्वाधिक घूमे जाते हैं. स्विट्ज़रलैंड की मनोरम पर्वत श्रृंखलाओं से यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है. इसकी पथरीली गलिया, सुंदर मध्यकालीन शिल्पकला जैसे कैप्पेलब्रुक ब्रिज मुझे बीते ज़माने में ले गए, और मानो मैं किसी स्वप्नलोक में विचरण करने लगी.
ल्यूसर्न से, मैंने एंगलबर्ग के मोहक माउंटेन रिसॉर्ट का अनुभव लिया जो किसी पोस्टकार्ड पर छपे दृश्य जैसे दिखता है. यहीं से आप माउंट टिटलिस की दिशा में जाते हैं जो स्विट्ज़रलैंड का सबसे मोहक शिखर है. क्रांतिकारी ‘टिटलिस रोटेयर’ रोटेटिंग केबल कार के जरिए यह सफर आपको आल्प्स के विहंगम दृश्य से लेकर गुजरता है. ‘टिटलिस रोटेयर’ में बैठने पर, मैंने दूर-दूर तक बर्फ से ढ़ंके पर्वत शिखर देखे. गोंडोला के हर सौम्य रोटेशन के साथ, मैंने खुद को कुदरत की चमत्कारिक ३६० ड्रिगी की भव्यता में सराबोर पाया.
ल्यूसर्न से सिर्फ ६८ किलोमीटर पर इंटरलाकेन है जो थन और ब्राएंज़ झीलों के बीच चमत्कारिक तरीके से बसा है. यहाँ सुरम्य सौंदर्य के बीच साहसिक खेल भी आप अनुभव कर सकते हैं. पैराग्लाइडिंग और रिवर राफ्टिंग से लेकर लेक थन पर ऐतिहासिक पैडल स्टीमर्स में बैठकर शांत क्रूज़ तक इंटरलाकेन हर यात्री की इच्छाओं को पूरा करता है.
इंटरलाकेन में रहते हुए, यहाँ की सुरम्य गलियों से गुज़रना आवश्यक है. कसीनो के पास, एक चिरपरिचित सी प्रतिमा तनकर खडी है जो महान फिल्मकार यश चोपड़ाजी को श्रद्धांजली अर्पित करती है. यह श्रद्धांजली उनकी सदाबहार फिल्मों के माध्यम से इस मनोहारी क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने में उनके बेमिसाल प्रभाव की याद दिलाती है.
इंटरलाकेन के पास ही युंगफ्रॉऊ का इलाका है. यदि स्विट्ज़रलैंड घूमकर आपको लंबा वक्त बीत चुका है तो अब यहाँ फिर से आने का और ग्रिंड्लवाल्ड से आयगर एक्सप्रेस की अविस्मरणीय सवारी लेने का सही समय है जो आधुनिक इंजीनियरिंग और दुनिया के सबसे आधुनिक ट्रायकेबल गोंडोला का जीवंत प्रमाण है. सिर्फ १५ मिनट में आप आयगर ग्लेशियर स्टेशन पर उतर आते हैं, जो हिमाच्छादित शिखरों के मनोरम दृश्यों और मानवीय स्पर्श से रहित आल्प्स की सुंदर धरती से घिरा है. केबल कारों से होनेवाली धीमी शुरुआत के बाद यह एक उल्लेखनीय बदलाव है जो पहले शुरुआत में स्विस किसानों के यातायात के लिए बना था.
समुद्री सतह से ३,४५४ मीटर (११,३३२ फीट) की उँचाई पर बसा है यूरोप का सबसे ऊँचा रेलवे स्टेशन युंगफ्रॉऊ. रमणीय दृश्य से घिरकर मैं तो मानो सम्मोहित हो गई. इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है कि यह पर्वत शिखर युंगफ्राऊ के नाम पर उचित ही रखा गया है, जिसका अर्थ जर्मन भाषा में होता है युवती’ या कुमारी’. खूबसूरत युवती से तुलना करना बिलकुल उचित लगता है,क्योंकि यह पर्वत शालीनता और राजसी ठाठ को प्रदर्शित करता है.
इतने वर्षों में, मैंने कई बार स्विट्ज़रलैंड के शहरों का लुत्फ उठाया है. इसका हर शहर अपने आप में अनोखा और आकर्षक है. जीनीवा में यूएन मुख्यालय यह प्रतिष्ठित स्थान होने के साथ ही जीनीवा वैश्विक स्तर पर स्विट्ज़रलैंड की शांति तथा तटस्था के प्रति वचनबद्धता की खूब याद दिलाता है. लौसान के आस पास अंगूर की बाग है जो इस इलाके की बेहतरीन वाइन्स परोसकर मेहमानों को आमंत्रित करती हैं. इसी दौरान वेवे ने चार्ली चैप्लिन म्यूजियम के साथ अपनी सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखा है जो इस महान फिल्म निर्माता के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करता है जिसे कभी वे अपना घर कहा करते थे. राजधानी बर्न में इतिहास अपने पुराने सौंदर्य के साथ जीवंत हो उठता है, जब कि आइंस्टाईनहॉस महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाईन के जीवन पर प्रकाश डालता है. स्विट्ज़रलैंड का हर शहर अपनी कहानी कहता है, जो इस देश की संस्कृति, इतिहास और नवोन्मेष की समृद्ध विरासत को प्रतिबिंबित करती है.
स्विट्ज़रलैंड में सचमुच हर किसी के लिए कुछ न कुछ है, फिर चाहे आप प्राकृतिक सौंदर्य के बीच शांति का अनुभव करना चाहें, एड्वेंचर का रोमांच लेना चाहें या फिर स्विस आतिथ्य का स्वाद चखना चाहें. इस मनोरम देश में आइए और इसकी खूबसूरती से सराबोर हो जाइए. स्विट्ज़रलैंड की सुंदरता आपको मंत्रमुग्ध कर देगी. अब वक्त आ गया है कि आप खुद अपनी फिल्म के स्टार बनें और स्विट्ज़रलैंड की मनमोहक धरती और सदाबहार आकर्षण के बीच अपनी कहानी खुद लिखें.
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