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इंकाओं का देश!

12 mins. read

Published in the Sunday Navbharat Times on 22 September, 2024

पेरू हमारे जैसे यात्रियों को अपनी तरफ इतना क्यों खींचता है?

ये जानने के लिए अब मैं आपको अपने इस स़फर पर ले चलती हूँ...

मैं दुनिया के शिखर पर खड़ी थी - या फिर अगर यह दुनिया का शिखर नहीं था, तो कम से कम मुझे ऐसा महसूस तो हो ही रहा था। शाम का सूरज एंडीज़ की ऊंची चोटियों के पीछे डूब रहा था, जिससे पहाड़ों की लंबी परछाइयाँ बन रही थीं। साउथ अमेरिका के दक्षिणी सिरे से लेकर उत्तरी कैरेबियन तट तक 5,500 मील (8,900 किलोमीटर) तक फैली यह विशाल पर्वत श्रंखला पृथ्वी पर कुदरत के सबसे बड़े अजूबों में से एक है। और यहाँ मैं माचू पिचू में मौजूद थी, जो दुनिया के नए सात अजूबों में से एक है। एक समय में जब इंका यहाँ होते थे, उसी जगह पर खड़े होकर इस प्राचीन दुर्ग की खूबसूरती को निहारना किसी स्वप्निल दुनिया में होने जैसा लग रहा था। इस लीजेन्ड्री जगह पर जाना मेरा हमेशा से एक सपना था, और अब मैं यहाँ मौजूद थी, और मैं इस अद्भुत क्षण को दूसरी बार जी रही थी। उस क्षण में मैं वास्तव में एक सपने में ही जी रही थी।

पेरू में केवल माचू पिचू ही नहीं, बल्कि और भी बहुत कुछ है। यह एक ऐसी ज़मीन है, जहाँ के अत्याधुनिक शहर पुरातन मंदिरों से मिलते-जुलते लगते हैं, जहाँ के रंग-बिरंगे बाज़ार लोकल क्राफ़्ट से भरे हुए से हैं, जहाँ मजेस्टिक एंडीज़ यहाँ की शांत घाटियों से ऊपर उठे हुए से हैं, और यहाँ आप एमेज़ॉन रेऩफॉरेस्ट की गहराईयों में घिरे होते हैं।

पेरू हमारे जैसे यात्रियों को अपनी तरफ इतना क्यों खींचता है? ये जानने के लिए अब मैं आपको अपने इस स़फर पर ले चलती हूँ, और मेरी गारंटी है कि इसके खत्म होते-होते आप यहाँ जाने के लिए अपनी तैयारियाँ शुरू कर देंगे!

मेरा रोमांचक सफर पेरू की हलचल भरी राजधानी लीमा से शुरू हुआ, जहाँ समृद्ध औपनिवेशिक इतिहास और आधुनिक जीवंतता का बेहतरीन मेल है। लीमा का दिल है हिस्टोरिक टाउन सेंटर, जो यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट है। मैं सेंट्रल स्क्वेयर ‘प्लाज़ा मायोर’ की ओर चल पड़ी, जहाँ शानदार लीमा कैथेड्रल के भव्य बारोक और रेनेसाँ आर्किटेक्चर के कारण यह पूरे प्लाज़ा मायोर की शान के रूप में खड़ा है। सन 1535 में निर्मित इस कैथेड्रल में लकड़ी की आश्‍चर्यजनक नक्काशी, सजीला चैपल और लीमा के संस्थापक फ्रांसिस्को पिजारो की कब्र है। इसी के पास मौजूद हैं ‘आर्कबिशप पैलेस’, जिसकी लकड़ी से निर्मित शानदार बालकनियाँ देखते ही बनती हैं और यहाँ के राष्ट्रपति का निवास स्थान ‘गवर्नमेंट पैलेस’, जो हिस्टोरिक स्क्वेयर के आलीशान माहौल को परिपूर्णता देते हैं। लीमा के औपनिवेशिक इतिहास की दुनिया में घूमने के बाद, मैं यहाँ से पास ही मौजूद मीराफ्लोरेस पहुँची, जो एक ट्रैंडी सीसाइड जगह है। ये अपने ‘लव पार्क’ (पार्क डेल आमोर) के लिए मशहूर है और इस जगह को पेसिफिक के रोमेंटिक व्यूज़ के लिए भी जाना जाता है। मीराफ्लोरेस में हमें एक मॉडर्न काँट्रास्ट देखने को मिलता है। मीराफ्लोरेस की चट्टानों के साथ चलते हुए मैंने ओशन ब्रीज़ का आनंद लिया और लार्कोमार को देखा, जो समुद्र के पास मौजूद एक ओपन-एयर शॉपिंग सेंटर है। जब मैं इसी के पास स्थित प्लाया माकाहा पहुँची तो मुझे प्रशांत महासागर में लहरों पर बड़ी कुशलता से सर्फिंग करते लोगों को देखकर आश्‍चर्य भी हुआ और उनसे थोड़ी जलन सी भी हुई। मैंने खुद से वादा किया कि अगली बार जब मैं यहाँ आऊँगी, तो मैं भी इसे ज़रूर आज़माऊंगी!

वहाँ से निकलकर मैं बोहेमियन बारांको डिस्ट्रिक्ट पहुँची, जिसे अपने वाइब्रेंट आर्ट सीन, क्वेंट क़ैफेज़ के लिए जाना जाता है। जब मैं वहाँ मौजूद डेडालो नामक आर्ट गैलेरी में पहुँची, तो मेरे आश्‍चर्य और आनंद का ठिकाना नहीं रहा, क्योंकि इस आर्ट गैलेरी में समकालीन पेरूवियन कला और शिल्प का नायाब कलेक्शन है। अगर हम आर्ट की बात करें तो मैं ये कहूँगी कि यहाँ स्थित लार्को संग्रहालय को देखे बिना लीमा का कोई भी सफर अधूरा ही रहेगा, क्योंकि यहाँ प्री-कोलंबियन आर्ट के दुनिया के सबसे इंप्रेसिव कलेक्शंस में से एक मौजूद है। 18वीं सदी के एक मँशन में स्थित लार्को पेरू के प्राचीन इतिहास की एक जीवंत झाँकी दिखाता है, जिसमें जटिल कारीगरी से बने सोने के आभूषणों से लेकर अद्भुत सिरॅमिक्स तक लगभग 45,000 से अधिक कलाकृतियों का चौंका देने वाला संग्रह है।

लीमा से निकलकर मैंने इंका साम्राज्य की प्राचीन राजधानी कुस्को के लिए उड़ान भरी। जैसे ही मैंने प्लेन से बाहर कदम रखा, मुझे ऐसा लगा जैसे मैं समय में बहुत पीछे चली गई हूँ। एंडीज़ में स्थित कुस्को एक ऐसा शहर है जहाँ इंकाओं की केचुआ भाषा अभी भी उस स्पॅनिश भाषा के साथ-साथ चलती है, जिसे औपनिवेशिक वासियों द्वारा यहाँ लाया गया था। कुस्को की पत्थरों से निर्मित संकरी सड़कों से गुज़रते हुए हम हर कोने में इंका और स्पॅनिश प्रभावों का मिश्रण आसानी से देख सकते हैं, जो भव्य प्लाज़ा डे आर्मास से लेकर इंकाओं के सूर्य मंदिर कोरिकांचा की पत्थरों पर की गई जटिल नक्काशी तक यहाँ व्याप्त है। एक बार कोरिकांचा की दीवारों पर चढ़ाए गए सोने के आवरण को स्पॅनिश लोगों द्वारा निकाल लिया गया था और उन्होंने पवित्र इंका मंदिर के ऊपर एक डोमिनिकन मोनेस्ट्री बना दी थी। ये दो अलग-अलग संसारों का एक आश्‍चर्यजनक मिश्रण है, जहाँ प्राचीनता का मिलनऔपनिवेशिकता से होता दिखाई देता है। अभी तक कुस्को से मेरा मन नहीं भरा था और इसीलिए मैं रात को इस शहर को देखने फिर निकल पड़ी। पूरा कुस्को, विशेष रूप से प्लाज़ा डे आर्मास रात में अपनी एक अलग ही जादुई चमक बिखेरता है और ये अद्भुत है!

कुस्को का इतिहास बहुत ही पुराना है और वास्तव में ये इंकास से भी पहले का है। ये शहर कभी एक झील हुआ करता था और एक खुदाई के दौरान वैज्ञानिकों को इस इलाके में डायनासोर के लगभग 25,000 जीवाश्‍म मिले थे। यह सोचकर ही अचरज होता है कि इस शहर की सड़कों के नीचे लाखों साल पुराना इतिहास छुपा है।

पेरू की कोई भी यात्रा माचू पिचू जाए बिना पूरी नहीं होती है और ये मेरी यात्रा का एक मुख्य आकर्षण था। पेरू रेल पर ट्रेन की एक खूबसूरत राइड के बाद हम आगुआस कालिएंतेस पहुँचे, जो इस प्राचीन आश्‍चर्य का प्रवेश द्वार है। एक छोटी सी बस राइड के बाद मैं वहाँ माचू पिचू के अचंभित कर देने वाले खंडहरों के सामने खड़ी थी। उरुबाम्बा नदी के ऊपर स्थित माचू पिचू इंका इंजीनियरिंग और आध्यात्मिकता का एक अद्भुत चमत्कार है। हमारे गाइड ने हमें जटिल नक्काशीदार पत्थरों से बने मंदिरों, प्लाज़ा और टैरेसों के दर्शन करवाए और यह बताया कि ये जगह किस तरह इंकास के लिए एक पवित्र आध्यात्मिक केंद्र रहा था। यहाँ के नज़ारे बेहद खूबसूरत थे और हमारे चारों ओर धुंध से ढके पहाड़ नज़र आ रहे थे। ऐसा लग रहा था, जैसे यह हमारी दुनिया का किनारा हो। यह एक ऐसी जगह थी, जहाँ धरती आसमान को छूती है। जब मैं इस अजूबे को बैठकर देख रही थी, तो मैं अपने भीतर एक अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा को स्पष्ट महसूस कर रही थी। इसमें कोई आश्‍चर्य की बात नहीं कि यह जगह इंकाओं का एक पूजन स्थल हुआ करती थी।

कुस्को में एक और अद्भुत पड़ाव था सैकसायुआमन, जो एक ऐसा विशाल किला है, जहाँ से हम पूरे कुस्को को देख सकते हैं। यहाँ के विशाल पत्थर एक दूसरे से इतने अच्छी तरह से आपस में जुड़े हुए हैं कि उनके बीच एक पतला सा कागज़ भी नहीं जा सकता है। इंका संस्कृति में इस जगह की एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक भूमिका रही है, जहाँ वाकास अनुष्ठान संपन्न हुए हैं, जहाँ देवताओं को प्रसन्न करने के लिए विशेष प्रसाद बलि के रूप में चढ़ाए जाते थे, जिनमें बच्चे भी शामिल थे। ये प्राचीन प्रथाएँ ब्रह्मांड के साथ इंकाओं के गहरे आध्यात्मिक संबंधों और प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाए रखने के संबंध में उनकी आस्थाओं को प्रकट करती हैं।

सेक्रेड वॅली ऐसी ही एक और जगह है, जहाँ आपको ज़रूर जाना चाहिए। यहाँ की सबसे अद्भुत जगहों में से एक है मोरे, जो इंकाओं द्वारा खेती संबंधी प्रयोगों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गोलाकार छतों की एक श्रंखला है। मोरे से हम मारस नमक की खदानों की ओर बढ़े, जहाँ 4,000 से ज़्यादा नमक के पोखर सूरज की रोशनी में चमकते हैं। इंका युग से चली आ रही ये नमक की खदानें प्राचीन सरलता का एक शानदार उदाहरण हैं।

एंडीज में बिताए अपने बेहतरीन समय के बाद मैं इकितोस में उड़ान भरते हुए एमेज़ोन रेनफॉरेस्ट पहुँची। उत्तर-पूर्व में स्थित इकितोस दुनिया के सबसे बड़े रेनफॉरेस्ट का प्रवेश द्वार है। एमेज़ॉन को पेरू और ब्राज़ील दोनों तरफ से देखा जा सकता है। यहाँ का आवास बहुत ही बुनियादी होते हुए भी पर्यावरण के अनुकूल है और हमें याद दिलाता है कि हमें अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए सस्टेनेबल समाधान तैयार करने को लेकर कितना सावधान रहना चाहिए।

एमेज़ॉन की मेरी यात्रा का एक मुख्य आकर्षण मछली पकड़ना था और मैंने एक कॅट़िफश और यहां तक कि घातक पिरान्हा को पकड़ने में सफलता पाई! मंकी आइलैंड की विज़िट बड़ी ही मज़ेदार थी, जो लुप्तप्राय हो रहे, लेकिन चंचल बंदरों के लिए एक रेस्क्यू सेंटर है। सूरज डूबते ही हमने नाइटटाइम बोट राइड की और इस दौरान हमें तारों भरे आसमान के नीचे जंगल के अद्भुत स्वर सुनाई दिए, जैसे मेंढकों, कीड़ों और निशाचर पक्षियों की आवाज़ें। हमने नाइटटाइम ट्रेक का आनंद लिया और स्थानीय लोगों से बातचीत भी की, जो एमेज़ॉन को अपना घर कहते हैं। यहाँ स्कूली बच्चों से मिलना दिल को छू लेने वाला अनुभव रहा, जो अपनी संस्कृति से जुड़े होने के बावजूद आधुनिक दुनिया के तौर-तरीके सीख रहे हैं!

खाने के शौकीनों के लिए पेरू कलिनरी के किसी स्वर्ग से कम नहीं है। पेरू के खान-पान में स्वदेशी चीज़ों का प्रयोग तो होता ही है, पर इनके साथ इस पर स्पेन, अफ्रीका, चीन, जापान और अन्य जगहों का वैश्‍विक प्रभाव भी है। मीराफ्लोरेस में मैंने पहली बार पेरू के राष्ट्रीय व्यंजन सेविचे का स्वाद चखा, जो नींबू के रस में मैरीनेट की गई ताज़ी मछली से बनाया जाता है। मैंने पचमांका को भी आज़माया, जो ज़मीन में गर्म पत्थरों से पकाया जाने वाला एक पारंपरिक एंडियन व्यंजन है, जिसमें कई शाकाहारी विकल्प भी थे। कुस्को की ऊँचाई वाली जलवायु में कुछ गर्म होना ज़रूरी होता है, और कोका प्लांट की पत्तियों से बनी कोका चाय मेरा पसंदीदा ड्रिंक बन गई। यह न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि ये एल्टिट्यूड सिकनेस में भी बड़ी मददगार होती है। वहाँ मुझे यह भी पता चला कि यही कोका पत्तियाँ सॉफ़्ट ड्रिंक की दिग्गज कंपनी कोका कोला की सीक्रेट रेसिपी के खास इंग्रेडिएंट्स में से एक हैं! ऐसा ही एक और ड्रिंक है चीचा मोराडा, जिसे ज़रूर आज़माया जाना चाहिए। ये तरोताज़गी देने वाला ड्रिंक पर्पल कॉर्न और मशहूर कॉकटेल पिस्को सोर से बना होता है।

पेरू एक ऐसा देश है, जहाँ सब कुछ है - मन को लुभाने वाले खूबसूरत नज़ारे, प्राचीन इतिहास, जीवंत संस्कृति और लज़ीज़ खाना। चाहे आप लीमा की चहल-पहल भरी सड़कों पर घूम रहे हों, माचू पिचू पर अचंभों से घिरे खड़े हों, या फिर वाइल्ड एमेज़ॉन की सैर कर रहे हों, पेरू यकीनन आपके दिलो-दिमाग पर एक अमिट छाप छोड़ेगा।

September 21, 2024

Author

Sunila Patil
Sunila Patil

Sunila Patil, the founder and Chief Product Officer at Veena World, holds a master's degree in physiotherapy. She proudly served as India's first and only Aussie Specialist Ambassador, bringing her extensive expertise to the realm of travel. With a remarkable journey, she has explored all seven continents, including Antarctica, spanning over 80 countries. Here's sharing the best moments from her extensive travels. Through her insightful writing, she gives readers a fascinating look into her experiences.

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