Published in the Saturday Navbharat Times on 10 February, 2024
फूलों को देखकर मन अपने आप ही बेहतर महसूस करने लगता है, संभवत: इसीलिए चाहे कोई भी मौका हो, इन्हें सबसे अच्छा उपहार माना जाता है!
देखा एक ‘ख्वाब तो ये सिलसिले हुए, दूर तक निगाह में हैं गुल खिले हुए.’’ ये पंक्तियाँ कानों में पड़ते ही हमारी आँखों से सामने एक मनमोहक दृश्य छा जाता है: हवा में लहराते और नर्तन करते अनगिनत कतारों में खिले रंगबिरंगे ट्युलिप्स के फूल. हम तुरंत एक मनमोहक दुनिया में चले जाते हैं जो रोमांचक और उत्साहजनक दोनों है. टूर मैनेजर के रूप में अपने करियर के शुरुआती दिनों में एम्स्टरडम की पहली यात्रा पर मैं अत्यंत उत्साहित थी, जहाँ मुझे कुकेनहॉफ गार्डन्स की सैर करने का मौका मिला. मैंने कभी इतने सारे रंगों, आकारों और किस्मों के फूल एक ही स्थान पर नहीं देखे थे! मानो मेरा सपना सच हो गया था. मुझे रोमांटिक वातावरण ने मोहित कर ही रखा था कि हमारे ग्रुप में एक बच्चे ने कहा कि ये फूल उन्हें पगड़ी की याद दिलाते हैं! उसके इस सटीक वर्णन को सुनकर मैं मुस्कुराने से खुद को रोक नहीं पाई क्योंकि कहा जाता है कि ‘‘ट्युलिप’’ नाम एक पिर्शियन शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ पगड़ी होता है, शायद ये उन लोगों की ओर संकेत करते थे जिन्होंने उनकी खोज की! ट्युलिप्स मूलत: दक्षिणी यूरोप से लेकर मध्य एशिया तक फैले क्षेत्र में पाए जाते थे, जो पूर्व और मध्य एशिया में खूब उगते थे. ट्युलिप्स की खेती १०वीं शताब्दि से पर्शिया में हुआ करती थी. उनकी लोकप्रियता पर्शिया, टर्की और यूरोप में इतनी बढ़ी कि उस काल को ही ट्युलिप मेनिया के रूप में जाना जाने लगा. ये गहनों से भी अधिक मूल्यवान थे! ट्युलिप्स को डच गोल्ड एज की पेंटिंग्स में चित्रित किया गया है और ये नीदरलैंड से जुड़ गया जो तब से विश्व के बाजार में ट्युलिप्स का एक विशालतम उत्पादक रहा है.
मुझे हमेशा लगता है कि फूलों में कुछ न कुछ ऐसा होता है जो हमारे मन को प्रफुल्लित करता है. फूलों को देखकर मन अपने आप ही बेहतर महसूस करने लगता है, संभवत: इसीलिए चाहे कोई भी मौका हो, इन्हें सबसे अच्छा उपहार माना जाता है! वसंत ऋतु को अक्सर नवजीवन और नवीनीकरण का मौसम माना जाता है, जो फलों के खिलने से जुड़ा है, और ठंडी के मौसम की समाप्ति का सूचक है. फूलों का खिलना जीवन में भरती नई चेतना को दर्शाता है और आशा, आकांक्षाओं का प्रतीक है. ये सुख और विस्मय का एहसास भी जगाता है.
बसंत में खिलनेवाले फूलों की सुंदरता के सबसे बड़े प्रतीक दो स्थान हैं एम्स्टरडम और जापान. दुनिया का सबसे आश्चर्यजनक फूलों का बगीचा एम्स्टरडम का कुकेनहॉफ गार्डन्स है. मार्च से मई के बीच, केवल बसंत के दौरान खुलनेवाला कुकेनहॉफ खिलते फूलों, विशेषकर ट्युलिप्स के चटक रंगों और खुशबुओं का उत्सव है. ३२ हेक्टेयर में फैला यह बगीचा अपने आप में लाखों ट्युलिप्स, डैफोडिल्स, हायसिंथ और अन्य गोटेदार फूलों को सुंदरता से समेटे हुए है. थीम पर आधारित गार्डन्स, मोहक जल संबंधी खूबियों और विभिन्न किस्मों के फूलों की कतारों से होकर गुजरना देखनेवालों की निगाहों के लिए एक सुखद एहसास से कम नहीं है. मुझे याद है जब हम गार्डन में थे, तब हम फोटो खींचते हुए थक ही नहीं रहे थे. ये वो दौर था जब लोग फिल्म वाले कैमरे साथ लेकर चलते थे और फिर उनके मन में गार्डन्स की खूबसूरती को अपने कैमरे में न उतार पाने के लिए पर्याप्त फिल्में न ले जा पाने की टीस रह जाती! कुकेनहॉफ की दुकानें फूलों और कलियों के साथ कैमरा फिल्में भी बेचती थीं! टेक्नोलॉजी की बदौलत अब यह समस्या नहीं रही, और कुकेनहॉफ की अपनी अगली यात्रा पर आप अलग अलग अदाओं के साथ जी भर कर सुखद यादों को सँजो कर अपने साथ रख सकते हैं! बस याद रखिए कि आपके फोन या कैमरे की बैटरी ठीक से चार्ज की गई हो!
अपने देश में श्रीनगर भी एक ऐसा ही स्थान है जहाँ कश्मीरी बगीचों शालिमार बाग, निशात बाग का आनंद लिया जा सकता है, और यदि आप बसंत ऋतु में यात्रा करते हैं तो आप अपने श्रीनगर में भी ट्युलिप गार्डन की सैर कर सकते हैं! बसंत का मौसम अपने आप में एक रोमांटिक मौसम है और इसे खास यात्राओं के लिए हनीमून पर जानेवाले युगल पसंद करते हैं, और खिले हुए फूल उन्हें अधिक प्रेमपूर्ण वातावरण देते हैं. प्रेम का प्रतीक ट्युलिप विशेष रूप से एक पूर्ण और सदाबहार प्रेम का संदेश देता है, जिसकी जड़ें प्राचीन पर्शियाई कहानियों से जुड़ी हैं. एक-दुसरे से जी जान से प्यार करनेवाले फरहाद और शीरीन की कहानी ट्युलिप के फूलों के मूल से जुड़ी है! एक-दुसरे से जुदा करने वाली समाज की चुनौतियों का सामना करनेवाले इन प्रेमियों ने जुदाई के बजाय करूण मृत्यु को चुना था. शिरीन के मरने की झूठी खबर सुनकर फरहाद ने अपनी जान ले ली, और उसके बाद शीरीन ने भी उसी राह को चुन लिया. ऐसी किंवदंती है कि लाल ट्युलिप फरहाद के लहू से उगे हैं, जो उनके पूर्ण और अमर प्रेम का प्रतीक हैं. इस कथा ने ट्युलिप्स की प्रतीकात्मकता को प्रभावित किया है, विशेषकर पर्शियाई और मध्य पूर्व की संस्कृतियों को, जहाँ फूल दो प्रेमियों के बीच अलौकिक बंधन का प्रतीक हैं. ये बातें भले ही कल्पना की उपज हों, लेकिन ये अवश्य कहना चाहूँगी कि इन बागों में खिले हुए ट्युलिप्स के बीच रूमानी गीत गुनगुनाते हुए घूमना अपने प्रिय के साथ वक्त बिताने का सबसे रोमांटिक अंदाज़ है!
हनीमून के लिए कश्मीर से बेहतर जगह भला और कौन सी हो सकती है! जम्मू और कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में रोमहर्षक पर्वतीय नजारे और जगमगाती सांस्कृतिक विरासत से समृद्ध है. एशिया का विशालतम गार्डन इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्युलिप गार्डन पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र है, जहाँ पर आप मार्च के अंतिम दिनों से लेकर अप्रैल के आरंभ तक ट्युलिप्स के रंगीन दृश्यों को देख सकते हैं. जबरवान रेंज की तलहटी में बसा यह ३० हेक्टर में फैला बगीचा एक चित्रमय दृश्य उपस्थित करता है. ट्युलिप गार्डन से भी आगे जाकर श्रीनगर में डल झील में शिकारे का अनुभव लेना मन को मोहित करता है और शालीमार बाग जैसे मुगल गार्डन की सैर भी खूब आकर्षित करती है. हिमालय की गोद में बसा और रंग बिरंगे फूलों से सजा यह शहर प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक समृद्धि का बेहतरीन संगम प्रस्तुत करता है जिसके लिए सभी यहाँ पर आना चाहते हैं.
पृथ्वी के दुसरी तरफ जापान में बसंत के दौरान एक चमत्कारिक दृश्य उभरता है. वीणा वर्ल्ड में हम जहाँ भी जाते हैं, जीवन का जश्न मनाने में विश्वास करते हैं और दुनिया भर के खूबसूरत स्थानों की यात्रा करने के लिए विभिन्न टूर्स प्रदान करते हैं. जापान में हॉलिडे मनाना एक मुग्ध करनेवाला और सुखद अनुभव देता है, जहाँ आप परंपरागत आकर्षण और आधुनिक नवोन्मेष का सुंदर संगम देख सकते हैं. आसमान को छूती आधुनिक इमारतों और जीवंत गलियों वाले भीड़ भरे टोक्यो शहर से लेकर क्योटो के सुरम्य मंदिरों तक, जापान विविधतापूर्ण आकर्षण पेश करता है. मुझे जापान में पतझड की छटाओं और ठंडी का अनुभव लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है लेकिन मैं प्रसिद्ध चेरी ब्लॉसम फेस्टिवल देखने से चूक गई. ये निश्चित ही मेरी यात्रा की प्रतीक्षा सूची में शामिल है! अपनी अगली यात्रा पर, मैं हनामी की परंपरा का अनुभव लेना चाहती हूँ जिसमें चेरी ब्लॉसम या साकुरा के फूलों की क्षणभंगुर सुंदरता को सराहने के लिए पार्कों में जुटते हैं. हनामी की सांस्कृतिक जड़ें कई शताब्दियों तक जाती हैं, जो एक वार्षिक आयोजन बन चुका है, और यह बसंत ऋतु के आगमन तथा जीवन के अस्थायी स्वरूप का प्रतीक है. जापान में आप जब भी जाएँ तब चाय समारोहों की प्राचीन प्रथा का अनुभव जरूर लें, ऐतिहासिक कॅसल्स की सैर करें, स्थानीय लोगों के आतिथ्य का अनुभव लें, और स्थानीय भोजन का लुत्फ उठाएँ. चाहे आप हाकोने के सुरम्य नज़ारों के बीच सैर करें, ओसाका के ऊर्जामय वातावरण को महसूस करें या फिर सुप्रसिद्ध माउंट फुजी घूमें, जापान में हॉलिडे मनाते समय आप परंपरा और आधुनिकता के सौहार्दपूर्ण संगम को देख सकते हैं, जो हर यात्री के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव पैदा करता है.
जल्द ही ठंडी हमसे विदा लेगी और बसंत का ऋतु वातावरण को खुशनुमा बनाएगी तथा चारों तरफ फैली बहार की मधुर सुगंध हवाओं में भर जाएगी. इस बसंत ऋतु में आप चाहे एम्स्टरडम के कुकेनहॉफ गार्डन्स के रंगबिरंगे ट्युलिप के मैदानों में रहें या हनामी के दौरान जापान के नाज़ुक चेरी ब्लॉसम के बीच हों, ये अनुभव किसी जादू से कम नहीं है. वीणा वर्ल्ड में, हमारे हजारों यात्री इस करिश्मे का अनुभव लेंगे. कुकेनहॉफ गार्डन्स में घूमने के १२ टूर विकल्पों, श्रीनगर के लिए ५ अलग अलग टूर्स और चेरी ब्लॉसम्स के लिए ४ टूर विकल्पों के साथ, आप उलझन में पड़ जाएंगे कि आखिर किसे चुनें और किसे छोड़ें. यहाँ आप अपनी ज़रूरतों के अनुरूप टूर प्राप्त कर सकते हैं. आइए फूलों के क्षणिक वैभवपूर्ण सौंदर्य को निहारिए, जो देखनेवालों को प्रकृति के जन्म जन्मांतर के चक्र और उसके साथ मिलने वाली सदाबहार खुशियों का दृढ़ता से स्मरण कराता है.
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